इंडिया की अपनी फ़्रेंच सिटी-पांडिचेरी
एक स्वप्न सा सजीला शहर जो संगम है कई सभ्यताओं का, उनकी संस्कृतियों का, उनकी आस्था का और परस्पर सौहार्द का। यहाँ भेद हैं वर्ण के, भाषा और आस्था के फिर भी यह एक हैं। एक शहर जो शान्त है, यहाँ शोर है तो सिर्फ समुद्र की लहरों का। यहाँ है अरबिन्दो आश्रम, एक आधुनिक और अन्तराष्ट्रीय शहर-ऑरोविल, हैरिटेज बिल्डिंग्स, सुन्दर चर्च, स्मारक, मनोरम बीच, पार्क और बैकवाटर, संग्रहालय, मन्दिर, मस्जिद और भी बहुत कुछ।
पॉन्डिचेरी की यात्रा शुरू होती है चेन्नई से वाया ईस्ट कोस्ट हाईवे। जितना सुन्दर पोंड़ी है । उतना ही हसीन पोंड़ी पहुँचने का सफर है। हाइवे के बाई ओर लगातार आपके साथ चलता समुद्र तट। जलवायु में आद्रता होने के कारण यहाँ वर्ष भर हरयाली छाई रहती है। घुमावदार सड़क के दोनों ओर हरे भरे पेड़ झुके हुए ऐसे दिखते हैं जैसे मुसाफिर का झुक कर स्वागत करते हों। दूर तक लहलहाते खेत और नारियल के झाड़, बैकवाटर, मछलियाँ पकड़ते मछुवारे, गाँव के किसान एक कम्प्लीट लैंडस्केप बनाते हैं। चेन्नई से 56 किमी दूर महाबलीपुरम पड़ता है जो कि यूनेस्को द्वारा हेरिटेज धरोहर घोषित किया गया है। यहाँ प्राचीन काल के मंदिर और गुफ़ाएँ हैं। कोरोमंडल समुद्र तट पर स्थित महाबलीपुरम शहर एक प्राचीन बंदरगाह है। चैन्नई से छुट्टी मनाने जाने के पसंदीदा स्थानों में से यह एक है। एक वृहद ऐतिहासिक पृष्ठभूमि होने के कारण महाबलीपुरम में पल्लव साम्राज्य के कई नायाब ऐतिहासिक स्मारक हैं। यहां के ज्यादातर मंदिर काटी गई गुफा के आकार के हैं। इस शहर का एक मुख्य आकर्षण यहां के सुंदर और साफ समुद्र तट हैं। इन तटों पर मछली पकड़ने और बोटिंग जैसी कई गतिविधियां उपलब्ध हैं।
पॉन्डिचेरी बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित है फ्रांसीसियों ने यहाँ लगभग तीन दशकों तक राज किया है जिसकी छाप यहाँ की वास्तुकला और संस्कृति में झलकती है। फ्रेंच स्टाइल के घर, सड़कें, इमारतें। ऐसा लगता है जैसे आप किसी यूरोपीय देश में घूम रहे हैं। कहा जाता है की जब फ्रांसीसी भारत आए तो यहाँ की जलवायु उनके लिए कठोर थी। इसलिए उन्होंने पानी के नज़दीक रहना बेहतर समझा और फ्रेंच लोगों के लिए ज़मीन के उस हिस्से का चुनाव किया जोकि समुद्र तट के नज़दीक था। आज इस जगह को फ्रेंच क्वाटर कहा जाता है। वहीँ यहाँ के मूल निवासी तमिलियन्स जोकि कृषि से जुड़े काम करते थे उन्होंने समुद्र से दूर ऐसा भू भाग चुना जहाँ खेती की जा सके। उनके वाले हिस्से को नाम मिला “ब्लैक टाउन” और फ्रेंच लोगों की बस्ती को कहा गया “वाइट टाउन”। एक छोटी-सी नहर इन दोनों टाउन को बीच से अलग करती है। वाइट टाउन में कोलोनियल आर्किटेक्चर और फ्रैंच कल्चर की झलक मिलती है। यहीं ब्लैक टाउन में पारम्परिक तमिल वास्तुकला को सहेजे कई मेंशन हैं जिन्हें हैरिटेज हॉटेल में परिवर्तित कर दिया गया है।
प्रोमेनाड बीच के नाम से प्रसिद्ध पांडिचेरी बीच यहाँ का प्रमुख आकर्षण है। शाम के समय तट पर ट्रैफिक की आवाजाही बंद कर दी जाती है जिससे समुद्र किनारे टहलने के लिए यह एक आदर्श जगह बन जाती है। प्रोमेनाड बीच 1.5 कि.मी. में फैला है और शहर के सभी प्रमुख आकर्षण स्थान इसके आसपास ही हैं। यहाँ गाँधी जी की विशाल मूर्ति है, एक पुराना लाइट हाउस भी है। अरबिन्द्रो आश्रम के गेस्ट हाउस और प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुए सैनिको की याद में बनाया गया वॉर मेमोरियल, कुछ हैरिटेज होटल और ला-कैफ़े। ला-कैफे में बैठ कर कॉफी पीने का अपना अलग ही मज़ा है। नेपथ्य में समुद्र की लहरों का शोर और हल्की हल्की फुहारें सब कुछ दिल को लुभाने वाला। यहाँ बैठ कर सूरज की पहली किरण देखना बहुत लुभावना है। यहाँ सुबह सुबह बहुत चहल पहल हो जाती है। लोग मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं। तो कोई पत्थरों पर बैठ कर ध्यान लगा रहा होता है। नेहरू स्टैचू के पास एक प्लेटफार्म पर लोग योग करते हैं। पॉन्डिचेरी एक साफ सुथरा शहर है, यहाँ के निवासी सफाई को लेकर काफी जागरूक हैं।
यहाँ पर प्रसिद्ध श्री अरबिन्द्रो आश्रम स्थित है। अरबिन्द्रो आश्रम के अनुयायी देश विदेश से यहाँ आते हैं। वाइट् टाउन में श्री अरबिन्द्रो आश्रम का डाइनिंग हॉल, पुस्तकालय व कई गेस्ट हॉउस स्थित हैं। जिन इमारतों का रंग सुरमई है वह श्री अरबिन्द्रो आश्रम की इमारतें हैं। यहाँ ठहरने के लिए आप पहले से बुकिंग कर सकते हैं। सिंगल ट्रैवलर के लिए यह एक सुरक्षित और अच्छा विकल्प है। पर यहाँ आश्रम के कुछ नियम है जिनका आपको पालन करना होगा जैसे -शराब और धूम्रपान निषेध है।
पांडिचेरी संग्रहालय एक अन्य देखने लायक जगह है। संग्रहालय में एक गैलरी है जिसमें अनेक मूर्तियाँ और अरिकामेडु रोमन व्यवस्था के समय की अनेक महत्वपूर्ण पुरातत्वीय वस्तुएँ हैं। यह संग्रहालय प्राचीनकाल की दुर्लभ कलाकृतियों का भंडारगृह है। यहाँ प्रदशित संग्रह में चोल और पल्लव राजवंश की अनेक दुर्लभ पीतल की मूर्तियाँ तथा पत्थर सम्मिलित हैं।
इस संगहालय में पांडिचेरी क्षेत्र से लाई गई सीपियों का भी एक बहुत अच्छा संग्रह है। यह संग्रहालय आने वालो को पांडिचेरी के औपनिवेशिक अतीत के बारे में जानने का अवसर देता है और भारत में फ्रांस के औपनिवेशिक शासन में एक अच्छी अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। पांडिचेरी संग्रहालय भारती पार्क में स्थित है।
पोंड़ी मशहूर है अपने फ्रेंच कनेक्शन के लिए और इसी से जुड़े हैं कई सुन्दर चर्च। यहाँ काफी चर्च है जिनमे एक चर्च बीच रोड से लगा हुआ ही है, दूसरा चर्च ब्लैक टाउन में है वहीँ तीसरा- “सैक्रेड हार्ट चर्च ऑफ जीसस” रेलवे स्टेशन के नज़दीक पांडिचेरी के सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण चर्चों में से एक है। यह चर्च वास्तुकला की गोथिक शैली में डिज़ाइन किया गया है इस चर्च की सबसे आकर्षक और आसानी से नज़र आने वाली विशेषता है इसकी स्टेन्ड काँचयुक्त खिड़कियाँ जो यीशु के जीवन के समय को दर्शाती हैं। यह चर्च एक ऐसी जगह है जो आने वालो को शांति और सुकून का अहसास देता है।
यहीं नज़दीक में ऑरो बीच स्थित है, यह एक स्विमिंग बीच है। जो अपनी खूबसूरती के कारण यात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहाँ कई बीच रिसोर्ट, गैस्ट हाउस और रेस्टोरेन्ट भी मौजूद हैं। अगर आप ऐसे बीच पर जाना चाहते हैं जहाँ बहुत शान्ति हो तो सेरेनिटी बीच जाएं।
पॉन्डिचेरी क्योंकि कई सभ्यताओं का संगम है इसलिए यहाँ खाने पीने की बड़ी वेरायटी मिलती है। शुद्ध दक्षिण भारतीय शाकाहारी भोजन से लेकर, चेट्टीनाड मांसाहारी भोजन, उत्तर भारतीय भोजन और फ्रैंच फ़ूड सब कुछ मिल जाता है। जब आप यहाँ आएँ तो एक्टेसी कैफे का पिज़्ज़ा ज़रूर टेस्ट करें। पॉन्डिचेरी में बैकवाटर का मज़ा भी लिया जा सकता है। वाइट टाउन से 8 किमी दूर पैराडाइज़ बीच एक ऐसा बीच है जहाँ आपको फेरी से जाना पड़ेगा। इस बीच पर वॉटर स्पोर्ट्स की भी व्यवस्था है।
पोंडी में घूमने के लिए आप स्कूटी या बाइक रेन्ट पर ले सकते हैं। वैसे साईकिल भी एक अच्छा विकल्प है। यहाँ शॉपिंग करने के लिए नेहरू स्ट्रीट और महात्मा गांधी रोड अच्छी मार्केट हैं। पोंड़ी में खास बात है कि यहाँ सब कुछ आसपास है। अगर पॉन्डिचेरी शान्ति की तलाश में जा रहे हैं तो वीकएंड में न जाएं। वीकेंड में यहाँ आसपास के शहरों से काफी लोग घूमने आते हैं। पॉन्डिचेरी के लोग मिलनसार और मदद करने वाले हैं। हाँ यहाँ के ऑटो रिक्शा वाले थोड़े बदमाश हैं टूरिस्ट को बेवक़ूफ़ बनाने में पीछे नहीं हटते इसलिए थोड़ी बार्गेनिंग सीख कर जाएं। एक ज़रूरी बात, पोंड़ी पहुँच कर टूरिस्ट इनफार्मेशन सेन्टर से सिटी गाइड बुकलेट और सिटी मैप लेना न भूलें।
फिर मिलेंगे दोस्तों, भारत दर्शन में किसी नए शहर की यात्रा पर,
तब तक खुश रहिये,और घूमते रहिये,
एक शेर मेरे जैसे घुमक्कड़ों को समर्पित
"सैर कर दुनियाँ की ग़ाफ़िल ज़िन्दिगानी फिर कहाँ
ज़िन्दिगानी गर रही तो नौजवानी फिर कहाँ “
आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त
डा० कायनात क़ाज़ी