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Sunset@Rishikesh |
हरिद्वार की यात्रा बिना ऋषिकेश जाए
पूरी नहीं होती, आप जब भी
हरिद्वार जाएं एक दिन एक्स्ट्रा लेकर जाएं जिससे ऋषिकेश भी घूम आएं। ऋषिकेश
हरिद्वार से 25 किमी दूर है.
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Lakshman Jula@Rishikesh |
तीन
दिशाओं से पहाड़ियों से घिरा, जिसके बीचों बीच
से पावन
नदी गंगा बहती है। इसे देव भूमि भी कहते हैं.जहाँ हरिद्वार लोगों से भरा
हुआ लगता है जैसे वहां हमेशा एक मेला लगा हो वहीँ ऋषिकेश एक शांत जगह है।
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Lakshman Jula@Rishikesh |
हिमालय
की चोटियों से निकल कर गंगा मैदानों में यहीं से प्रवेश करती है.यहीं पर लक्ष्मण
झूला स्थित है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ श्री लक्ष्मण जी ने कभी जूट की रस्सियों से
बने झूले से गंगा नदी को पार किया था.लक्ष्मण झूला करीब 1929 में बना था।
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Lakshman Jula@Rishikesh |
यह झूला शहर को एक सिरे से दूसरे सिरे तक जोड़ता है.इसकी
लम्बाई लगभग 450 फ़ीट और चौड़ाई 6 फ़ीट है.ऋषिकेश विश्व मानचित्र पर योग कैपीटल के लिए मशहूर है.यहाँ लोग दूर-दूर से योग साधना के लिए आते हैं। अगर आप प्रकृति की गोद में मन की शान्ति चाहते हैं तो यहाँ ज़रूर जाएं।
अगर योग सीखने में आपकी दिलचस्पी है तो
फिर कई योग और ध्यान केंद्र आपको मिल जाएंगे। इनमें प्रमुख हैं : शिवनन्दा आश्रम, ओंकारनन्दा गंगा सदन,साधना मंदिर, संस्कृति योग
पीठ ,योग निकेतन, स्वामी दया नंदा आश्रम, फूल
चट्टी आश्रम, अनंदा प्रकाश आश्रम
और ओशो गंगा आश्रम, कैलाश आश्रम
ब्रह्माविद्यापीठ, विट्ठल आश्रम और
योग केंद्र, शंकराचार्य
मेडिटेशन सेंटर, वनमाली गीता योगाश्रम, वेदांत आश्रम, वेदनिकेतन
दयानंद, वानप्रस्थ आश्रम, योग निकेतन, परमार्थ निकेतन
आदि।
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Prmarth Niketan @ Rishikesh |
ओंकारानंद आश्रम
में दक्षिण की कामाख्या देवी का सुन्दर मन्दिर स्थित है। परमार्थ निकेतन की गंगा
आरती हरिद्वार से थोड़ी भिन्न है यहाँ काफी शांति है.
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Aarti@Parmarth Niketan |
आप परमार्थ निकेतन में ठहर भी
सकते हैं. तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिये 1000 कमरों के साथ परमार्थ निकेतन
ऋषिकेश का सबसे बड़ा आश्रम है। ठहरने की सुविधाओं के अलावा परमार्थ निकेतन
आयुर्वेदिक और संगीत द्वारा भी उपचार करता है। यह गंगा नदी के तट पर महान हिमालय
के बीच स्थित है।
त्रिवेणी घाट वह स्थान है जहाँ तीनों
पवित्र नदियाँ गंगा, यमुना और
सरस्वती का संगम होता है। ऋषिकेश के मन्दिरों में जाने से पूर्व श्रृद्धालुओं को
घाट के पवित्र जल में डुबकी लगानी चाहिये।
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Aarti |
ऐसी मान्यता है कि यहाँ पर डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति मिलती
है। संध्या के समय हजारों तीर्थयात्री घाट पर महाआरती को लिये एकत्रित होते हैं। त्रिवेणी
घाट से ही गंगा नदी दायीं ओर मुड़ जाती है।
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Triveni Ghat@Rishikesh |
त्रिवेणी घाट के एक छोर पर शिवजी की
जटा से निकलती गंगा की मनोहर प्रतिमा है तो दूसरी ओर अर्जुन को गीता ज्ञान देते
हुए श्री कृष्ण की मनोहारी विशाल मूर्ति और एक विशाल गंगा माता का मन्दिर हैं।
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Ganga & Shiva@ Triveni Ghat |
घाट पर चलते हुए जब दूसरी ओर की
सीढ़ियाँ उतरते हैं तब यहाँ से गंगा के सुंदर रूप के दर्शन होते हैं।
तीर्थयात्री दोने में श्रृद्धास्वरूप
फूल और दीपक रखकर नदी में प्रवाहित करते हैं। इस जगह पर गतात्मा की शांति के लिये
पिण्ड श्राद्ध नामक कर्मकाण्ड भी किया जाता है।
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People performing rituals@ The bank of Holy river Ganga |
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Ganga |
ऋषिकेश से थोड़ा ऊपर जाने पर जगह-जगह बीच पर आपको कैम्प्स मिल जाएँगे।रिवर राफ्टिंग के लिए शिवपुरी तक
जाना होता है। शिवपूरी से राम झूले तक की राफ्टिंग लगभग 12 किमी लम्बी है जिसमे 13
रैपिड्स आते हैँ। इन रैपिड्स (नदी
का तेज लहरों वाला भाग) के नाम भी काफी अलग हैं,
जैसे– रिटर्न टू सेंडर, रोलर-कोस्टर, गोल्फ कोर्स, डबल ट्र्वल, टी ऑफ़ गोल्फ
कोर्स आदि|
ये खेल रोमान्च से भरा हुआ है.ऋषिकेश के लोकल
लोग ही इन एडवेंचर स्पोर्ट्स को चलाते
हैं.
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Man in action@River rafting |
ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग की शुरूआत
शहर से 18 किलोमीटर दूर - टिहरी जिले के शिवपुरी से शुरू होती है खत्म होती है
ऋषिकेश के लक्ष्मणझूला में.बेस कैंप से रंग बिरंगी राफ्ट सभी सेफ्टी उपकरणों से
सुसज्जित हो सैलानियों या कहें दुस्साहसी नाविकों को ले गंगा में उतरती है। पानी बड़ा
ही निर्मल और शान्त गति से बह रहा है.कोई सोच भी नहीं सकता की थोड़ा आगे जा कर पानी
का बहाव इतना तेज़ हो जाएगा कि कलेजा मुँह को आने लगेगा। हमारे सामने गंगा पूरे
आवेग के साथ बह रही थी....हमें बताया गया कि आमतौर पर गंगा की गहराई 60 से 80 फिट की है....यानी अगर डूबे तो फिर भगवान ही मालिक.....जबकि
राफ्टिंग के लिए तैरना आना पहली शर्त है...लेकिन इस खेल के रोमांच से हम अपने आपको
नहीं रोक पाए....और फिर हम तैयार होकर गंगा की लहरों से खेलने निकल
पड़े....रॉफ्टिंग में सिर्फ दूसरों से आगे निकलने की होड़ नहीं होती...यहां नदी के
तेज़ बहाव से भी बचना पड़ता है.... ज़रा सी चूक काम तमाम कर सकती है.....ये खेल उन
लोगों को काफी पसंद आता है..जिन्हें खतरों से प्यार है...जिन्हें रोमांच पसंद
है.....छोटी सी राफ्ट और हाथ में चप्पू के सहारे नदी की लहरों से खेलने की हिमाकत
हर कोई नहीं कर सकता... जैसे जैसे राफ्ट आगे बढ़ी रैपिड से सामना होता
है......हमारे राफ्ट ने हिचकोले खाना शुरू कर दिया..... पानी का रौद्र रूप रौंगटे खड़े करने
वाला था.हमारे गाइड ने बताया कि रोलर कोस्टर रैपिड में तो कभी कभी राफ्ट भी पलट
जाती है. मैंने पूछा -अगर कोई रैपिड में गिर
जाए तो उसे क्या करना चाहिए? गाइड ने बताया
-उसे घबराना नहीं चाहिए और फ्लोट करने की कोशिश करना चाहिए।
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Man in action@River rafting |
ऋषिकेश में राफ्टिंग के लिए फरवरी जून
और फिर अक्तूबर से दिसंबर मध्य तक का समय आदर्श माना जाता है। मानसून में वॉटर
स्पोट्र्स बंद हो जाते हैं, इसलिए अगर कोई
इनकी पेशकश भी करता है तो आप खुद अपनी सुरक्षा की खातिर उनसे दूर रहें ताकि
एडवेंचर आपकी ज़रा-सी लापरवाही से मिसएडवेंचर में न बदल जाए।
राफ्टिंग के अलावा आप यहाँ कैम्पिंग का
आनंद ले सकते हैं.गंगा नदी के किनारे किनारे बने ये सुन्दर सुन्दर कैंप आपका मन
मोह लेंगे। आप चाहे तो शिवपुरी में कैम्प करें या फिर नीलकण्ठ मंदिर के रास्ते पर
बने कैम्पों में रुकें। यह सभी कैम्प लोकल
लोगों द्वारा संचालित किये जाते हैं. इनमे से कुछ कैम्प हैं हवेल रिवर कॉटेज
एंड राफ्टिंग कैम्प, राफ्टिंग मस्ती, गंगा बीच रिसोर्ट आदि
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water spring |
कैंप में लंच के समय पधारेंगे, उसके उपरांत कैंप में उपलब्ध खेलों का आनंद लेंगे या अन्य पैदल पथ
भ्रमण हेतु निकटस्थ मंदिर या जंगल में ट्रैकिंग के लिए जा सकते हैं या रैपलिंग या
नदी में कयाकिंग कर सकते हैं. इन कैम्पों
में रात को कैंप फायर (मौसम की अनुकूलता को देखते हुए ही लगायी जाती है) की व्यवस्था की जाती है.कैम्प संचालक एक रात और
एक दिन का पैकेज उपलब्ध करवाते हैं.यहाँ खाने पीने और विश्राम की अच्छी व्यवस्था
होती है। ऋषिकेश से कैम्प तक पहुँचने की व्यवस्था भी अनुरोध पर उपलब्ध होती है.इन
वादियों में ट्रैकिंग का अपना अलग मज़ा है.यहाँ आपको जगह-जगह वाटर फॉल मिल जाएंगे।जिनके नज़दीक किसी लोकल की चाय की दुकान होगी
जो कि गरमा गर्म मैग्गी भी बना रहा होगा।
क्षेत्र के लोकप्रिय ट्रेकिंग मार्गों में गढ़वाल हिमालय क्षेत्र, बुवानी नीरगुड, रूपकुण्ड, कौरी दर्रा, कालिन्दी थाल, कनकुल थाल और देवी राष्ट्रीय पार्क शामिल हैं। फरवरी से अक्तूबर के
मध्य का समय इस क्षेत्र में ट्रेकिंग के लिये सर्वश्रेष्ठ होता है।
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Milky water |
उत्तराखण्ड पर्यटकों के लिए बहुत सुरक्षित
स्थान है.जब मैं रैपिड के फोटो खींचने नदी के किनारे किनारे दूर तक घूम रही थी तब
मैंने 2 रूसी लड़कियों
को रेत पर धूप सेंकते देखा।
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Serenity@The beaches of Ganga |
वह दोनों बड़े आराम से इस निर्जन
स्थान पर बैठी प्रकृति को निहार रही थीं.मेरे लिए यह बात हैरान करने वाली थी।
मैंने उनसे बात की वह पास ही किसी आश्रम में योग की शिक्षा लेने
आई थीं.आपको जंगल में ट्रेक्किंग करते हुए कई लोग अकेले घूमते दिख जाएँगे पर उनको
कोई परेशानी नहीं होती।यहाँ के लोग मित्रतापूर्ण और मिलनसार हैं।
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Pujari |
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friends having Maggy@the water fall |
ऋषिकेश में खाना खाने के लिए चोटीवाला
रेस्टोरेन्ट बहुत मशहूर है। लोग यहाँ दूर-दूर
से खाना खाने आते हैं। रेस्टोरेन्ट के
बाहर एक व्यक्ति चोटीवाले महाराज का रूप धार कर आने वालों को आकर्षित करता है।
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Famous Chotiwala |
यह रेस्टोरेन्ट लक्ष्मण झूले के नज़दीक
पड़ता है। अगर आप शहर में अच्छा भोजन करना चाहते हैं तो मुख्य बाजार में त्रिवेणी
घाट के पास विशाल भोजनालय में भरवाँ करेले ज़रूर खाएँ। यह एक साधारण भोजनालय है
जिसका खाना बहुत स्वाद है। ऋषिकेश में एक मिठाई की दुकान है- रजिस्थानी मिष्ठान भण्डार यहाँ से मिठाई ज़रूर लेकर जाएं।
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Bharwan Karele |
ऋषिकेश जाने का
सबसे अच्छा समय: गर्मी में तापमान अधिकतम तक पहुँच जाता है ऋषिकेश का दौरा साल में कभी भी किया जा सकता है, केवल मई माह में यात्रा करने से बचना चाहिए हैं.
राफ्टिंग के मौसम- मध्य सितम्बर से अप्रैल तक है.
कैसे
पहुंचें?
ऋषिकेश दिल्ली, देहरादून और
हरिद्वार जैसे आसपास के शहरों से नियमित बस सेवाओं द्वारा अच्छी तरह से
जुड़ा हुआ
है। यात्री इन शहरों से प्राइवेट और राज्य स्वामित्व की बसों का लाभ ले सकते हैं।
ऋषिकेश रेलवे स्टेशन
दिल्ली, मुम्बई, कोटद्वार और
देहरादून जैसे भारत के महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है।
यह शहर के केन्द्र से 4 किमी की दूरी पर
स्थित है।
18 किमी की दूरी पर स्थित देहरादून का जॉली ग्रान्ट हवाईअड्डा
ऋषिकेश के लिये निकटतम हवाईअड्डा है।
यह हवाईअड्डा दिल्ली के इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय
हवाईअड्डे से जुड़ा हुआ है जहाँ से भारत के प्रमुख शहरों
के लिये उड़ाने ली जा
सकती हैं। यात्री हवाईअड्डे से ऋषिकेश तक पहुँचने के लिये टैक्सियाँ किराये पर ले
सकते
हैं।
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Tourist Map |
फिर मिलेंगे दोस्तों, भारत दर्शन में किसी नए शहर की यात्रा पर,तब तक खुश रहिये,और घूमते रहिये,
आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त
डा० कायनात क़ाज़ी
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