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कुछ पंक्तियां इस ब्लॉग के बारे में :

प्रिय पाठक,
हिन्दी के प्रथम ट्रेवल फ़ोटोग्राफ़ी ब्लॉग पर आपका स्वागत है.….
ऐसा नहीं है कि हिन्दी में अच्छे ब्लॉग लिखने वालों की कमी है। हिन्दी में लोग एक से एक बेहतरीन ब्लॉग्स लिख रहे हैं। पर एक चीज़ की कमी अक्सर खलती है। जहां ब्लॉग पर अच्छा कन्टेन्ट है वहां एक अच्छी क्वालिटी की तस्वीर नहीं मिलती और जिन ब्लॉग्स पर अच्छी तस्वीरें होती हैं वहां कन्टेन्ट उतना अच्छा नहीं होता। मैं साहित्यकार के अलावा एक ट्रेवल राइटर और फोटोग्राफर हूँ। मैंने अपने इस ब्लॉग के ज़रिये इस दूरी को पाटने का प्रयास किया है। मेरा यह ब्लॉग हिन्दी का प्रथम ट्रेवल फ़ोटोग्राफ़ी ब्लॉग है। जहाँ आपको मिलेगी भारत के कुछ अनछुए पहलुओं, अनदेखे स्थानों की सविस्तार जानकारी और उन स्थानों से जुड़ी कुछ बेहतरीन तस्वीरें।
उम्मीद है, आप को मेरा यह प्रयास पसंद आएगा। आपकी प्रतिक्रियाओं की मुझे प्रतीक्षा रहेगी।
आपके कमेन्ट मुझे इस ब्लॉग को और बेहतर बनाने की प्रेरणा देंगे।

मंगल मृदुल कामनाओं सहित
आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त

डा० कायनात क़ाज़ी

Thursday, 18 June 2015

दा ग्रेट हिमालय कॉलिंग.... तीसरा दिन: कसोल

The great Himalayas calling....
DAY-3


तीसरा दिन: कसोल

इस सीरीज़ की पिछली पोस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें:  जिभी और बंजार वैली

Malana Grass


जिभी से कसोल की दूरी 80 किलोमीटेर की है जिसे हम ने 3 घंटे में पूरा किया. हम सुबह जिभी से निकले और दोपहर तक कसोल पहुँच गए थे. कसोल हिमाचल का एक छोटा-सा टाउन है. आज से पाँच साल पहले तक यहाँ इक्का दुक्का पहाड़ी घर ही होते थे. पर पिछले कुछ सालों से विदेशी बैगपैकर्स के लिए यह जगह जन्नत जैसी हो गई है. हम जब कसोल पहुँचे तो यहाँ का नज़ारा बिल्कुल अलग था. अगर आप पहले बंजार वैली और तीर्थन वैली हो कर आ रहे हैं तो यह जगह आपको बिल्कुल अच्छी नही लगेगी. यहाँ पर बहुत सारे टूरिस्ट नज़र आएँगे. बहुत सारी गाड़ियाँ और इज़राइली नागरिक. कसोल मलाना गाँव के नज़दीक होने के कारण पिछले कुछ समय मे बहुत मशहूर हुआ है. इसका कारण है यहाँ पर पाई जाने वाली एक खास तरह की घांस. जिसे लोग मलाना क्रीम भी कहते हैं. नशा करने वाले विदेशी बैग पैकेर्स में यह जगह बहुत लोकप्रिय है.

Parvati River


कसोल में एक बाज़ार है जो आने वाले सैलनियों की लगभग सारी ज़रूरतों को पूरा करता है. यहाँ पर कई सारे अच्छे कैफे हैं. जहाँ पर आप आराम से बैठ कर विदेशी खानो का आनंद उठा सकते हैं.

Traut Fish-Himachali cuisine delicacy  


 यहाँ पर आप यहाँ की मशूहर ट्राऊट फिश भी टेस्ट कर सकते हैं. यहां विदेशी लोगों के ज़्यादा आने से कई अच्छी बेकरी भी मौजूद हैं. यहाँ एक जर्मन बेकरी भी है पर उसके बेकरी आइटम्स उतने अच्छे नही हैं. यहाँ बहुत सारे होटेल्स हैं. यहाँ के बाज़ार से आप अच्छे गर्म कपड़े खरीद सकते हैं.


Kasol Bazar


कसोल हिप्पी लाइफ स्टाइल को पसंद करने वालों के लिए स्वर्ग जैसी है. मलाना जाने के लिए यहैीन से ट्रकिंग करनी होती है. मलाना हिमाचल का ऐसा गाँव है जहाँ के लोग खुद को आर्यन मानते हैं. इनका दावा है कि सिकंदर की सेना के कुछ सिपाही यहाँ रुक गए थे, यह लोग उन्ही के वंशज हैं. यह लोग कनाशी भाषा बोलते हैं. इस गाँव में बाहर से आने वाले लोगों को अशुध्द माना जाता है.

Bridge@Parvati River
हमने कसोल में शॉपिंग की और अच्छा खाना खाया. इसके सिवा कसोल में हमारे करने के लायक़ कुछ खास ना था. अगर आप प्रकृतिक सुंदरता को निहारने और पहाड़ों की शांति को महसूस करने जाना चाहते हैं तो कसोल इसके लिए उपयुक्त स्थान नही हैं. कसोल जाने का क्रेज़ यूथ में ज़्यादा देखने को मिलता है. वैसे कसोल पहुँचने के लिए डाइरेक्ट कोई रेल मार्ग नही है.

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 कीरतपुर साहिब और उना रेलवे स्टेशन जोकि पंजाब मे पड़ते हैं यहाँ तक रेल जाती है पर यह दोनों जगहें भी कसोल से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर पड़ती हैं. इसलिए यहाँ तक पहुँचने का सबसे अच्छा साधन है हिमाचल परिवहन की बस सर्विस. आप कुल्लू जाने वाली बस ले सकते हैं और भुंतर पर उतर कर कसोल के लिए कोई लोकल बस या टैक्सी ली जा सकती है.हिमाचल परिवहन की बस सर्विस की ऑनलाइन बुकिंग के लिए यहाँ क्लिक करें।
http://www.hptdc.nic.in/bus.htm




 फिर मिलेंगे दोस्तों, अगले पड़ाव में हिमालय के कुछ अनछुए पहलुओं के साथ,

तब तक खुश रहिये, और घूमते रहिये,

आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त



डा० कायनात क़ाज़ी


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